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जनसुनवाई पोर्टल बना मजाक ,शिकायत सम्बंधित अधिकारी को ही जाँचअधिकारी बनाकर लगाया जा रहा फ़र्ज़ी रिपोर्ट 

जनसुनवाई पोर्टल बना मजाक ,शिकायत सम्बंधित अधिकारी को ही जाँचअधिकारी बनाकर लगाया जा रहा फ़र्ज़ी रिपोर्ट

पंकज चौबे सिद्धार्थनगर
जनसुनवाई के पोर्टल पर की जा रही शिकायतों पर सही तरह से निस्तारण न करना व फर्जी आख्या लगा कर अधिकारीगण न कि शिकायतकर्ता को गुमराह कर रहे है बल्कि मुख्यमंत्री को भी झांसा देने में पीछे नही है। जिससे जनता का विश्वास सरकार से व इस पोर्टल से उठ गया है।
बताते चले कि जनसुनवाई जोकि उत्तर प्रदेश शासन से मुख्यमंत्री की निगरानी में लोक शिकायत अनुभाग-5द्वारा संचालित है। जिसका उद्देश्य प्रभावी शिकायत प्रबंधन, निवारण और निगरानी के लिए एक एकीकृत कंप्यूटरीकृत प्रणाली जन सुनवाई का विकास जिसके माध्यम से विभिन्न विभागों में चल रही शिकायत प्रबंधन प्रणालियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर समाहित किया जाना जिससे नागरिकों तथा शासन /विभागों के बीच सुगम एवं पारदर्शी संवाद स्थापित किया जा सके साथ ही इस प्रणाली में दर्ज शिकायतों का अनुश्रवण मुख्यमंत्री कार्यालय के लोक शिकायत विभाग द्वारा किया जाता है ।अर्थात जनसुनवाई की शिकायत पर फर्जी आख्या लगाना साफ साबित है कि विभाग या विभागीय अधिकारियों द्वारा शिकायतकर्ता को ही नही बल्कि सूबे के मुखिया को भी गुमराह करना है।
ऐसा ही ताजा मामला विकास खण्ड बढ़नी  का है, जहा सफाई कर्मचारियों को सहायक विकास अधिकारी राम विलास के द्वारा ब्लॉक पर बैठा कर अपना कार्य करवाया जा रहा है जो राकेश सिहोरवा,शाहआलम बेनीनगर ,राजकिशोर सेमरह्वा में पोस्ट है वही वही ग्राम प्रधान वा ग्रामीण बताते है की वे लोग एक भी दिन गांव में नही आते है और उनके पैरोल पर ग्राम प्रधान का साइन मोहर भी नही होता है। जिससे सम्बंधित शिकायत जनसुनवाई के माध्यम से किया गया था,लेकिन जिस अधिकारी की शिकायत थी उसी अधिकारी को जाँच अधिकारी बना दिया गया,यही नहीं शिकायत की फर्जी रिपोर्ट भी लगा दिया गया।
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